The Ultimate Guide To Shodashi
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सोलह पंखड़ियों के कमल दल पर पद्दासन मुद्रा में बैठी विराजमान षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी मातृ स्वरूपा है तथा सभी पापों और दोषों से मुक्त करती हुई अपने भक्तों तथा साधकों को सोलह कलाओं से पूर्ण करती है, उन्हें पूर्ण सेवा प्रदान करती है। उनके हाथ में माला, अंकुश, धनुष और बाण साधकों को जीवन में सफलता और श्रेष्ठता प्रदान करते हैं। दायें हाथ में अंकुश इस बात को दर्शाता है कि जो व्यक्ति अपने कर्मदोषों से परेशान है, उन सभी कर्मों पर वह पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर उन्नति के पथ पर गतिशील हो और उसे जीवन में श्रेष्ठता, भव्यता, आत्मविश्वास प्राप्त हो। इसके आतिरिक्त शिष्य के जीवन में आने वाली प्रत्येक बाधा, शत्रु, बीमारी, गरीबी, अशक्ता सभी को दूर करने का प्रतीक उनके हाथ में धनुष-बाण है। वास्तव में मां देवी त्रिपुर सुन्दरी साधना पूर्णता प्राप्त करने की साधना है।
The Mahavidya Shodashi Mantra supports emotional balance, selling therapeutic from earlier traumas and interior peace. By chanting this mantra, devotees find launch from negative feelings, building a balanced and resilient frame of mind that can help them experience daily life’s issues gracefully.
A novel aspect of your temple is usually that souls from any faith can and do offer puja to Sri Maa. Uniquely, the temple management comprises a board of devotees from a variety of religions and cultures.
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥
पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।
यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे
हव्यैः कव्यैश्च सर्वैः श्रुतिचयविहितैः कर्मभिः कर्मशीला
Worshipping Goddess Shodashi is don't just about searching for product Advantages but also in regards to the internal transformation and realization with the self.
या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः
The Tripurasundari temple in Tripura point out, regionally generally known as read more Matabari temple, was initial Established by Maharaja Dhanya Manikya in 1501, even though it was almost certainly a spiritual pilgrimage site For numerous centuries prior. This peetham of energy was in the beginning intended to become a temple for Lord Vishnu, but as a result of a revelation which the maharaja experienced within a aspiration, He commissioned and put in Mata Tripurasundari inside of its chamber.
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach
Her position transcends the mere granting of worldly pleasures and extends into the purification of your soul, bringing about spiritual enlightenment.
श्रीमद्-सद्-गुरु-पूज्य-पाद-करुणा-संवेद्य-तत्त्वात्मकं
यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।